पृष्ठ:मरी-खाली की हाय.djvu/८२

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को सुगठित होने का बहुत मौका मिला । योरोप के राष्ट्र अंतर्कलह में लगे हुये थे। इंगलैंड ने सोवियट रूस के लिये योरोप के फाटक बंद कर दिये थे। इस पर रशियन कम्युनिस्ट लोगों ने भारतवर्ष और चीन में अंग्रेजों के विरुद्ध बलवे उभारने शुरू कर दिये. इंगलैंड और फ्रांस ने जर्मन की जल सेना के हाथ पाँव काट डाले, तो जर्मन ने अपने हवाई जहाजों से श्राकाश को पाट दिया। अब रूस और जर्मन ने सलाह करके ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती देने का इरादा कर लिया । जर्मनी अपने कर्ज के विषय में और सोवियट रूम ने अपने युक्त व्यापार के लिये तकाजे कर करके इङ्गलैंड, फ्रांस और इटली इन तीनों दोस्तों के बीच में कलह की चिनगारी छोड़ दी। इस महायुद्ध से जर्मन के सभी उपनिवेश छिन गये, इसलिये व्यापार के सिवा उसका कोई ध्येय नहीं रह गया । मुल्क फतह करने का पुराना ढर्रा मालूम होता है, हमेशा के लिये गया । जिस प्रकार बबंडर से वायु शुद्ध होती है, उसी प्रकार उस महायुद्ध ने योरप और एशिया को सम संयोग का रास्ता दिखा दिया है । बिल्कुल ही निराली है। बस लगभग तीन चौथाई. ऐशिया