पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/१७८

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" लड़ते हों, तो भी जब तक ताकतवर होंगे तब तक जरा भी शुकते ही नहीं। सिर्फ जब अन्हें महसूस होगा कि अब कमजोर होते जा रहे हैं तब ही वे झुकेंगे। वल्लभभाीको लिफाफे बनाते, की चीजें भिकट्ठी करते और की तरहकी बातें करते देखकर बापू कहने लगे "स्वराजमें आपको कौनसा महकमा दिया जाय ?" वल्लभभाभी कहने लगे। " स्वराज्यमें मैं लैंगा चिमटा और तूंची!" बापू कहने लगे. "दास और मोतीलालजी अपने अपने ओहदोंकी गिनती लगाते थे और मुहम्मदअली व शौकतअलीने अपनेको शिक्षा मंत्री और प्रधान सेनापति माना था। आबरू बची आवरू, जो स्वराज न मिला और कोभी कुछ न बने ।" » 5 बाप्पू कहने लगे आज सुबह मेजर मेहता वहाँ आये, जहाँ बापू नहाने जा रहे थे। बाप्पू से पूछने लगे - " आप नहानेमें साबुन अिस्तेमाल करते २६-५-३२ हैं ?" बापू कहने लगे "नहीं, गरम पानी काममें लेता हूँ, अिसलिमे साबुनकी क्या जरूरत ?" अिस आदमी पर वहा असर पड़ा । “खुब ! स्पेनका बीचका भाग असा है, जहाँ साबुनको कोभी जानता ही नहीं। और वहाँ सचमुच कोमल चमड़ीवाले स्त्री पुरुष पाये जाते हैं। साबुनसे चमड़ी तड़क जाती है। सिर्फ हाथ धोनेके लि साबुन जबर चाहिये । फिर भिटलीकी बात करने लगे "नेपल्स बहुत मैला है, बम्बी अससे साफ है । " वगैरा । बापूसे पूछा आप मुसोलिनीसे मिले थे? बहुत ध्यान खींचनेवाला व्यक्तित्व तो है न ? ." हाँ, मगर जल्लाद आदमी है । जैसे जल्लादपन पर कायम हुआ राज्य कब तक चलेगा ?" मेजर बोले- “ सुसने देशको बर्बाद होनेसे बचाया है।" बापने कहा यह नहीं कहा जा सकता कि कहाँ तक बचाया ? असका जुल्म भयंकर है । प्रो०साल्वेमीनीने ढेर प्रमाण अिस वातके छापे हैं कि मुसोलिनीने हत्यायें भी कराी हैं । " मेजर कहने लगे " तो भी सुन्दर व्यक्तित्व है।" मैंने कहा "हाँ, जैसे सिंहका रूप सुन्दर कहा जाता है, अस तरह भले ही शुसके व्यक्तित्वको सुन्दर कह लीजिये ।" अिस पर मेजर कहने लगे सच है। जैसे प्राणी ज्यादा विकराल होता है, वैसे दीखनेमें ज्यादा सुन्दर होता है । आज बापूने खादीका अक टुकड़ा फाड़कर अपने लिये दो अंगोछे बनाये। डेढ़ फुट लम्बे और अक फुट चौड़े । अिनके सिरों पर बखिया लगाते लगाते दो घंटे तक पत्र लिखवाये । 'टाअिटस'को अक लभ्वा पत्र यह समझानेको लिखा कि भिखारियोंके प्रति आश्रमकी क्या वृत्ति है और डेरी हम किस तरह १७५ << । CG 33