पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/२७७

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वह लेनदारोंको अच्छा माना जायगा, जो चोरी करते पकड़ा न गया हो या चोरीका जिसे कभी लालच नहीं हुआ हो । अिसलिओ तुम्हारे लिअ आत्महत्याका कोी कारण ही नहीं है । अब रही बात कर्जकी। सो तुम्हारे पास जो कुछ है सौंप दिया कि तुम्हारी जिम्मेदारी पूरी हुी । लेनदार तुम्हें दिवालेमें धकेले, तो धकेलने दो । असमें भी कोी शर्मकी बात नहीं । जो हो असे बर्दाश्त कर लेनेमें पुरुषार्थ है । आगेके लिओ तो मैंने तुम्हें लिखा ही है । तुम दोनों आश्रममें जाकर रहो। वहाँ जाने में जरा भी संकोच न करना । औसा घमण्ड भरा खयाल न करना कि जहाँ धनवान होकर गये, वहाँ गरीब बनकर कैसे जायँ । आश्रम साधुवृत्तिके आदमियोंके लिखे है । मुझे लिखते रहना । मीराबहनसे अत्साह मिले तो लेना । सत्संग अक पारसमणि है, यह समझकर असकी सुगंधमें रहना । 1" होरका भाषण आया । कांग्रेस जब तक सरकारका तिरस्कार करना नहीं छोड़ेगी, तब तक असके साथ सुलह नहीं हो सकती । लहाजी अधुरी बन्द नहीं हो सकती । विटिश राज्य जैसा साधनसम्पन्न राज्य भिस आन्दोलनको न दबा सके तो असको अिज्जत जाती रहे । अिस लड़ाभीको खत्म ही करना पड़ेगा. यह सुसकी ध्वनि थी । बापूने देवदासको जो पत्र लिखा था, असमें अनायास ही अिस बातका अप्रगट अल्लेख हो गया थाः “हम सबको खुब धीरज है। अिसलिओ दो चार साल बीत जायें तो कोमी हर्ज नहीं । व्याज सहित वसूल कर लेंगे।" मैंने वापसे जिसका अर्थ नहीं पूछा । असे मामलोंमें ध्वनि ही रहे, तो अच्छा है । असका पृथक्करण नहीं किया जाता । और मैंने अिस तरहकी अत्सुकताको दवाने की आदत डाल ली है । देवदासने राजाजीको Wet Parade (वेट पेरेड) पुस्तक भेजी थी । जिसपर राजाजीने अिस बारेमें कुछ अद्गार देवदासके नाम भेजे पत्रमें प्रगट किये । अमरीकी और अंग्रज लेखकोंके विषयमें अनकी राय भ्यान देने लायक है: 'The 'Wet Parade' is a fine novelization of all that has to be said on American Prohibition. Chapter after chapter . moves up in deliberate order, just clothing up all the pro- hibition points. Too much of set purpose and 'according to programme'. But a good and exhaustive treatment of the subject, to satisfy those already convinced and make them feel armed and strengthened. You may remember Mathuradas gave me once a book of Zola's to read. It is incomparably superior, but that book deals with alcohol, rather than prohibition. Sinclair's book is a powerful indict- २५४ 10