पृष्ठ:महादेवभाई की डायरी.djvu/२८७

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आसान बात है, मगर बायकी नीतिमें विश्वास रखनेवाला मैं किस तरह असे हेतुओंका आरोपण कर सकता हूँ ? , अिस बार भी बापूने रविवारकी रातको ही आश्रमकी सारी डाक पूरी कर दी । सदाकी तरह का लम्बा पत्र आया था । ३-७-१३२ असमें बलात्कारकी शिकार होनेवाली स्त्रीका आत्महत्या करनेका अधिकार असी तरह बताया था, जैसे कोजी किसीकी सम्पत्तिको अनधिकारपूर्वक ले ले, तो असको भी आत्महत्या करके अपने विरोधीका हृदय-परिवर्तन करनेका अधिकार है । अन्हें बापूने कहा कि काल्पनिक सवाल न पछा करो। अिस पर अन्होंने अपना लम्बा बचाव किया है : अहिंसाका पुजारी होनेके कारण मुझे अहिंसाकी सब पहेलियाँ समझनी चाहिये । मेरे पास जो सलाह माँगने आते हैं, अन्हें मैं क्या सलाह दूं ? असे प्रसंग जिन्दगीमें बहुत आयेंगे, अिसलि पहलेसे तैयारी रखनी चाहिये, वगैरा, वगैरा । अन्हें बापूने लिखा- बलात्कारके मामलेमें तुम्हारी दलील ठीक लगती है । जिस हालतमें आत्महत्या करनेका स्त्रीका धर्म माना है, अस हालतमें अपनी रक्षामें रखी हुजी सम्पत्तिको कोभी लूटने आये तब आत्महत्या करनेका संरक्षकका धर्म हो सकता है। मगर यह धर्म अपने आप मुझना चाहिये । कोसी स्त्री बलात्कार न होने देनेके लिओ आत्महत्या करना पसन्द न करे, तो मुझे या तुम्हें यह कहनेका हक नहीं है कि असने अधर्म किया। अिसके विपरीत तुम्हें या मुझे यह मान लेनेका भी अधिकार नहीं कि कोसी संरक्षक अपनी देखरेखमें रहनेवाली सम्पत्तिका बचाव करने में प्राण दे दे तो असने धर्म ही किया । अस समय व्यक्तिकी किस तरहकी भावना थी, यह जानकर ही राय बनायी जा सकती है। जिस तरह न्यायके तौर पर राय देने पर भी मेरा खयाल यह है कि स्त्री अपने पर बलात्कार न होने देनेके लिओ असमें हिम्मत हो -प्राणन्याग करनेको तैयार हो जायगी। अिसलिओ स्त्रियोंके साथ बात करने पर मैं प्राणत्यागको प्रोत्साहन जरूर दूंगा और समझाझंगा कि अिच्छा हो तो जान दे देना आसान है। क्योंकि बहुत स्त्रियाँ यह मानती हैं कि अगर झुनकी रक्षा करनेवाला कोी तीसरा आदमी न हो या वे खुद कटारी या बन्दुक वगैराका अिस्तेमाल करना न सीखी हों, तो अनके लिअ जालिमके बसमें हो जानेके सिवा और कोभी अपाय ही नहीं । जैसी स्त्रीसे मैं जरूर कहूंगा कि असे परायेके हथियार पर भरोसा रखनेकी कोमी जरूरत नहीं। असका शील ही असकी रक्षा कर लेगा। मगर वैसा न हो सके तो कटारी वगैरा काममें लेनेके बजाय वह आत्महत्या कर सकती है। अपनेको कमजोर या अबला मान लेनेकी कोी आवश्यकता नहीं ।