पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/१०९

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सचिव-युग्म / 105 सख़्त लिखने वाले अखबारों पर मुक़द्दमे कायम करना आदि अंगरेजी राज्य के हितसाधन ही के लिए है। खैर, जो कुछ हो, मार्ले साहब की गिनती यदि बहुत भले सचिवों में नही तो बुरों में भी नहीं है । इनमें एक और बड़ा भारी गुण यह है कि ये बड़े ही निस्पृह हैं । लोभ इनमें छू तक नहीं गया। प्रसिद्ध करोड़पती ऐंड कारनेगी ने लार्ड आक्टन का पुस्तकालय लाखों रुपये खर्च करके मोल लिया और इनकी विद्वत्ता और विद्याभिरुचि पर मोहित होकर इन्हें समर्पण कर दिया। इन्होंने क्या किया कि उस सारे पुस्तकालय को ग्लासगो विश्वविद्यालय को दे डाला ! इनकी उदारता, सत्यनिष्ठा और भलमंसी के कारण इनका नाम पड़ गया है-'प्रामाणिक जॉन' । [जून, 1907 को 'सरस्वती' में प्रकाशित । असंकलित ।]