पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/११४

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110/महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली रियासतों के राज्याधिकारी पुरुषों ने किया। इन आठों देशों को कुछ दिनों में यह मालूम हुआ कि इस काम को सुव्यवस्थित रीति पर करने के लिए एक अच्छा दफ्तर चाहिए । इस पर वर्तमान समय के जगत्सेठ आंड्रयू कारनेगी साहब ने ढाई लाख रुपये दिये । इस धन से हालैंड देश के हेग नामक नगर में एक आलीशान इमारत तैयार की गई। उसका नाम रक्खा गया शान्तिनिवास । इस समय इस भूमण्डल में जितने राष्ट्र या राज्य हैं उनमें से 35 को इस शान्ति- भवन के न्यायालय की स्थापना पसन्द हुई । उन्होंने इस न्यायालय से अपने पारस्परिक झगड़े निबटाना म्वीकार किया। इन 35 राज्यों की खानाशुमारी 1,28,52,72,000 है। 50 राज्यों ने इस न्यायालय की दी हुई व्यवस्था मानना स्वीकार किया। इन 50 को खानाशुमारी 16,74,36,000 है । अवशिष्ट चार राज्यों ने चुप्पी साधी; न हाँ कहा, न नहीं। इनकी खानाशुमारी 55,62,000 है । इस प्रकार का मतभेद होना स्वाभाविक है । क्योंकि इस न्यायालय की व्यवस्थाओं को मानने के लिए राज्यो को अपने ही वचनों से अपने को बद्ध करना पड़ता है। तथापि इसमें सबके सुभीते की एक बात रक्खी गई है। वह बात यह है कि कोई ऐसा नियम नहीं रक्खा गया कि भिन्न भिन्न राज्यों में आपस में जो सन्धिपत्र या दस्तावेज़ लिखे गये हैं उन सबके सम्बन्ध के विवादों का न्याय इस न्यायालय से कराना नहीं चाहिए। जिन सन्धिपत्रों और इक गर- नामों से सम्बन्ध रखने वाले विवादों का फ़ैसला भिन्न भिन्न राज्यों ने इस शान्तिनिवास के न्यायधीशों से कराने का निश्चय किया उनकी एक नामावली बना दी गई। इनके सिवा अन्य दस्तावेजों के विवादों का निर्णय इस न्यायालय से कराने के लिए कोई राज्य विवश नहीं किया जा सकता । मतलब यह कि जिस बात का निर्णय तुम खुशी से कराना चाहो कराओ, जिसका न कराना चाहो न कराओ । परन्तु, हाँ, पहले से बतला दो कि किस किम विषय में तुम इमके फैसले को मानना चाहते हो, जिममें पीछे से कोई बखेड़ा न उठ खड़ा हो सके। इस नियम के अनुसार जिन राज्यों ने जितने सन्धिपत्रों के सम्बन्ध के झगड़ों का फ़ैसला इस न्यायालय से कराना मंजूर किया है उनकी संख्या इस प्रकार है- इंगलैंड 12 इटली 9 पोर्चुगल नार्वे स्विट्जरलैंड 10 बेलजियम स्पेन डेनमार्क स्विडन 8 अमेरिका की सयुक्त रियासतें 3 जर्मनी हालैंड ब्रेज़ीन ग्रीस आस्ट्रिया-हंगरी हंडुरास आरजेंटाइन 2 पेरू मेक्सिको 2 रोमानिया 10 9 8 8 9 फ्राम 9 4 4 3 1 1