पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/१३८

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134/महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली और उन पर सीमेंट बिछा हुआ है, जिससे वे बारहों मास पक्की गच सी बनी रहती हैं। बरसात तक में कीचड़ के दर्शन नहीं होते । यह हम लिख चुके हैं कि केम्ब्रिज में रेलवे स्टेशन, तारघर, डाकखाना, स्कूल और अस्पताल आदि सब कुछ है। इनके मिवा वहाँ आग बुझाने वाली टोली और एक कचहरी भी है । बिजली की रेल चलने का भी प्रबन्ध हो रहा है । डाकखाना दिन में चार दफ़ डाक बांटता है । गाँव वाले साल भर में कोई पन्द्रह हजार रुपये के डाक-टिकट खरीदते है । डाकखाने में एक पोस्ट मास्टर, एक सहकारी पोस्टमास्टर, एक क्लर्क और पाँच चिट्ठी-रसाँ हैं । जो किसान गांव से कई मील दूर खलिहानों में रहते हैं, उन्हें चिटठी लेने या देने के लिए गाँव में नहीं आना पड़ता । चिट्ठी-रमाँ लोग खुद जाकर डाक दे आते हैं; और ले भी आते है। इससे किसानों को बड़ा सुभीता रहता है। उनके काम में विघ्न नही पड़ता। केम्ब्रिज मे एक सार्वजनिक पुस्तकालय भी है। उसमें कई हजार किताबें है । इससे सर्व-साधारण को बड़ा लाभ होता है । जिसका जी चाहता है, इन ग्रंथो से मुफ्त फायदा उठाता है । इसके सिवा गाँव में एक गायनशाला, तमाशाघर और नाट्यशाला भी है। उनमें क्रम से नित्य गाना-बजाना, चलती-फिरती तसवीरो के तमाशे और थियेटर हुआ करते है । वहाँ ईसाई धर्म के भिन्न-भिन्न सम्प्रदायो के पांच गिरजे भी है । उनमें हर इतवार को अच्छी धूम रहती है । गाँव वालों की एक बैड कम्पनी भी है। उसकी मुखिया एक स्त्री है। केम्ब्रिज गाँव मे छः वकील और सात डाक्टर है । उनमे से दो स्त्री डाक्टर है। दो दन्त-चिकित्सक और एक पशु-चिकित्सक है । तीन बैक हैं । चार भोजनशालाओं और पाटनशालो के सिवा एक नानबाई की, एक कल से पकड़े धोने की, तीन हजामत बनाने की, दो शौक़ के सामान की, तीन मामूली असबाब की, एक जूतो की, तीन बजाजी की, दो काग़ज की, चार बरतनो की, तीन पंसारियो की, दो दरजियो की और छ: पोशाक बनाने वालो की दूकाने है। सिलाई का एक स्कूल भी है। उसमे नौजवान स्त्रियाँ कपड़े मीना मीखती है। पूरी दो बाज़ारे गोश्तवालों की है । उनमे से एक-एक बाज़ार में कई-कई दूकान है । इनके सिवा गाँव में तीन लोहार, तीन बढ़ई, तीन ठेकेदार, दो पैमाइश करने वाले और दस चित्रकार है । घाड़ो की दो, और मोटर गाड़ियो की एक दूकान है । वहाँ घोड़े और गाड़ियां किराये पर भी मिलती हैं। दो यन्त्र-शालायें भी है, जहाँ से किसान लोग अपने लिए औजार खरीदते है । पाठकों को यह सुनकर शायद आश्चर्य होगा कि इतन छोटे गांव से तीन साप्ताहिक समाचारपत्र भी निकलते है। उनमें से हर एक के पास कई प्रेम है। उनमे बढ़िया से बढ़िया और बारीक से बारीक काम छप सकता है। फ़ोटोग्राफ़र की भी एक दूकान है। ये सब दूकाने खूब चलती है और सवेरे से लेकर आधी गत तक इनमें भीड़ लगी रहती है। इन शोभा-सम्पन्न दूकानो के सिवा प्रत्येक सड़क और गली के दोनों तरफ लगे हुए मनोहर फूल इस गाँव की सुन्दरता को और भी बढ़ाते है । सुनते है कि एक सार्वजनिक पार्क भी बन रहा है । केम्ब्रिज के निवासी बड़े उन्नतिशील हैं। वे अपनी वर्तमान अवस्था से कभी -