पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/१७२

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168 / महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली घन गज घन गज घन गज़ । 1904 13,53,497 1905 17,60,864 1906 19.19,515 सन् 1904 में नहर की कम से कम गहराई अट्ठाईस फुट थी । इससे वे जहाज़ जो पानी के नीचे अधिक से अधिक छब्बीस फुट तक रहते थे, आसानी से आ मकने थे। इमी माल बारह नाके नये बनाये गये, जिनसे आमने-सामने आने जाने वाले जहाज एक दूसरे को अच्छी तरह पार कर सकें। इसी तरह के इक्कीस नाके और बनाने की तजवीज़ है। इनमें से हर एक नाका 2460 फुट लम्बा होगा। 1904 में जब नहर की चौडाई पचाम फुट बढाई गई थी, तो इसलिए कि उसके पेदे की चौड़ाई 147 फुट की जा सके, तब 18,89,275 घन गज जमीन, और 18,63,646 घन गज पेंदा खोदा गया था। जब कभी जहाज डूब या धंस जाते हैं, तब नहर के अधिकारियों को बड़ी मुश्किल पडती है; क्योंकि रास्ता रुक जाता है और इधर-उधर के जहाज़ आ जा नही मकते । जर्मनी ने अभी हाल मे जहाज डुबो कर इस नहर से अंगरेजो के जहाजो का आवागमन बन्द करने की चेष्टा की थी, पर वह निष्फल हो गई । पहले की इम नहर मे अब दुर्घटनायें कम होती है । इसका कारण यह है कि नहर की चौड़ाई और गहराई बढ़ गई है और जहाजों के आने जाने का प्रबन्ध भी पहले से अच्छा हो गया है। 1805 ईसवी में एक ऐसी ही दुर्घटना हुई थी जिमसे कम्पनी को बड़ी हानि उठानी पड़ी थी। चेयम नामक जहाज, एक दूसरे जहाज से लड़ जाने से, नहर के बीचो-बीच डूब गया। इमसे कई दिन तक जहाजों का आना जाना बन्द रहा । मब मिलाकर 109 जहाज चार दिन तक मके रहे । इनमें से 53 उत्तर की तरफ के थे और 56 दक्षिण की तरफ के। बड़ी मुशकिल से बड़ी-बड़ी पर्वताकार कलों के द्वारा जहाज जब हटाया गया, तब कही निकलने का रास्ता हुआ। नहर को चौड़ी और गहरी करने का काम 1904 से कई वर्ष तक बराबर जारी रहा । हर साल लाखों गज मिट्टी खोद खोद कर बाहर फेंकी गई । पहली जनवरी 1909 नक नहर की गहराई माढ़े चौंतीम फुट हो गई थी। अब वे जहाज भी, जो पानी के नीचे 28 फुट तक रहते हैं, इस नहर मे आ जा सकते है । इस गहराई को कम न होने देने के लिए खुदाई का काम बराबर जारी रहेगा। इसके लिए नई तरह के खोदने वाले यन्त्र काम में लाये जायेंगे। जव से ईजिप्ट की गजधानी केरो से सईद बन्दर तक रेल बन गई है, तब से मईद बन्दर पर काम बहुत बढ़ गया है । क्योंकि इजिप्ट का सब माल वहीं उतरता-चढ़ता है। इमलिए कई नये बन्दरगाह बनाने की जरूरत पड़ी है । इनमें से एक तो शीघ्र ही तैयार होने वाला है। बाकी इसके बाद बनाये जायेंगे । इसके लिए ईजिप्ट की गवर्नमेंट ने 358 एकड़ जमीन नहर के अधिकारियों को दी है। दूसरी ओर अर्थात् एशिया की तरफ़ भी, कई वन्दरगाह, कोठियाँ और गोदाप बनने वाले हैं। क्योंकि योरप और एशिया की आमद-रफ्त दिन पर दिन बढ़ती जाती है। 1