पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/२०८

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204 / महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली इनका पत्र-व्यवहार रहता है । अकेले लार्ड शैफ्ट्सबरी के कोई तीन सौ पत्र इनके पास, दस वर्षों में, आये हैं। 4 दिसम्बर 1902 को कुमारी कॉव की बरस-गाँठ थी। 80 वर्ष की होकर उस दिन उन्होंने 81वें वर्ष में प्रवेश किया था । इस अवसर पर योरप और अमेरिका के लोकमान्य पुरुषों ने मिलकर उनको एक अभिनन्दन-पत्र दिया। इस अभिनन्दन-पत्र पर हस्ताक्षर करनेवालों में से अमेरिका के भूतपूर्व प्रेसीडेंट-सभापति-क्लीवलैंड के समान बड़े बड़े प्रख्यात पुरुष हैं । इस पत्र में कुमारी कॉब के गुणों का वर्णन करके उनकी स्तुति की गई है और सर्व-साधारण के लिए उन्होंने जो जो उपकार किये हैं उनके कारण कृतज्ञता भी प्रकट की गई है। कुमारी कॉब स्त्रियों में देवी के समान है। यद्यपि वे इस समय बहुत वृद्ध हैं, नथापि लोक-कल्याण के लिए वे अब तक प्रयत्न करती जाती हैं । इस अवस्था में भी वे अपना समय वृथा नही खोतीं। [जुलाई, 1903 की 'सरस्वती' में प्रकागित । 'वनिता-विलास' पुस्तक में संकलित।]