पृष्ठ:महावीरप्रसाद द्विवेदी रचनावली खंड 4.djvu/२९९

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॥संदर्भ जापान॥ परलोकवासी मिकाडो मत्स हीटो जिम नन्हे मे जापान ने हाल ही में संपार की महाशक्ति रूम को रणक्षेत्र में पछाड़ा था, जिस बल और वैभव, उन्नति और पराक्रम का इतने थोड़े काल में विकाम होते देव ससार के बड़े बड़े उन्नतिशील देशो तक को आश्चर्य मे दाँतो तले उँगली दबानी पड़ी थी और जिसने अपने बल द्वारा संमार की महान् से महान जातियों की पंक्ति में खडे होने का म्यन्व प्राप्त करके पूर्व के नीचे झुके हुए मिर को ऊपर उठाया था, उसे इस उन्नता- वस्था गो नहुँचाने के सबसे बड़े सूत्रधार, उसके मम्राट् मुन्म हीटो, का देहान्त 29 जुलाई, मन् 1912 को हुआ था। मृत्म हीटो का जन्म तीमरी नवम्बर सन् 1852 ईसवी को हुआ था । जापान का राज्यवंग बहुत पुराना है। जापान के प्रथम सम्राट् जिम्मू टेनो ने सन् ईसवी के 1667 वर्ष पूर्व में राज्य करना आरम्भ किया था। परलोकवासी सम्राट् मुत्सू हीटो जिम्मो टेनो की 121वी पीढी में थे ।। मुत्सू हीटो की शिक्षा पूर्वी देशों के गजकुमारों की तरह लाड प्यार से न हुई थी। उनके पिता सम्राट ओमा हीटो काल-चक्र की गति को अच्छी तरह समझ चुके थे। वे जानते थे कि अधिक दिनो तक कूप-मण्डूक बने रहने से जापान का कल्याण न हो सकेगा। इसलिए उन्होंने मुत्यू हीटो को आधुनिक ढंग पर शिक्षा दी । उन्हें इस प्रकार की शिक्षा दी जाती जिममें वे नरम गद्दे का महारा ढूंढ़ने वाले कोमलाग राजकुमार ही न रह जायें । घोड़े की मवारी, व्यायाम और अस्त्र-शस्त्र के प्रयोग मे वे थोडे ही काल में सिद्ध-हस्त हो गये। नियमानुसार कार्य करने की उनकी आदत डाली गई । वे सदा आज्ञा पालन करते। न करने पर उन्हें माधारण वालक की तरह दण्ड मिलता। लड़कपन ही से वे महिष्ण थे। वे बहुत कम खेलते-कूदते थे, पढते बहुत थे। प्रतिदिन कुछ कविता भी रचा करते थे। इन कामो से जो समय बचता उसे वे नाना प्रकार के व्यायामो मे खर्च करते । बडे होने पर उन्हें राजनीति की भी शिक्षा मिली। विदेशो का इतिहास और वहाँ की राज्यप्रणालियो का वृत्तान्त उन्हें अच्छी तरह पढ़ाया गया । 1867 में, अपने पिता के मरने पर, मुत्म हीटो राज-सिंहासन पर आसीन हुए। उस समय जापान की अवस्था बड़ी शोचनीय थी। जापान मे शोगन नाम का एक पद 1 1. जापान के सम्राट मिकाडो (अर्थात् आली जनाब or Honourable Gate- way) कहलाते हैं । परन्तु इस नाम का व्यवहार जापान में बहुत कम किया जाता है। वहां सम्राट को 'टेनो' और 'टेनशी' कहते हैं । मुत्सू हीटो 'मीजी' (अर्थात् प्रकाश पूर्ण शान्ति) के नाम से जापान में प्रसिद्ध है। .