पृष्ठ:मानसरोवर भाग 4.djvu/११३

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मानसरोवर


कु दन० -- लुटा दो, चाहे मिटा दो, मगर रूठो मत। अगर तुम किसी बात में मेरी सलाह पूछोगी, तो दे दूॅगा; वरना मुॅह न खोलूॅगा।

रामे -- मैं अपमान नहीं सह सकती।

कुं दन० -- इस भूल को क्षमा करो।

रामे ०-- सच्चे दिल से कहते हो न?

कु दन ०-- सच्चे दिल से।


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