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मानसरोवर
बूटी ने उसकी ओर रस-भरी आंखों से देखकर पूछा --- अच्छा बता, मोहन से तेरा ब्याह कर दूं ?
रूपा लजा गई। मुख पर गुलाब की आभा दौड़ गई ?
आज मोहन दूध पंचकर लौटा तो बूटी ने कहा -कुछ रूपए-पैसे जुटा, मैं रुपा से देरो बातचीत कर रही हूँ।