यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
२०४
मानसरोवर
'का से ?
'जब तुमने पहली बार अपनी ज़ालिम आंखों से मुके देखा।'
'मगर आपने छिपाया खूब !!
'तुम्ही ने तो सिखाया। शायद मेरे सिवा यहां किसी को यह बात मालूम नहीं !
आपने कैसे पहचान लिया ?'
'तैमूर ने मतवाली आँखों से देखकर कहा --- यह न बताऊँगा ।
यही हमीब तैमूर की बेगम 'हमीदा' के नाम से मशहूर है।