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दो बैलो की कथा


अर्थ में बछिया के ताऊ का प्रयोग भी करते हैं। कुछ लोग बैल को शायद बेवकूफों में सर्वश्रेष्ठ कहेंगे , मगर हमारा विचार ऐसा नहीं। बैल कभी-कभी मारता भी है, कभी-कभी अड़ियल बैल भी देखने मे आ जाता है। और भी कई रीतियों से वह अपना असंतोष प्रकट कर देता है , अतएव उसका स्थान गधे से नीचा है।

झरी काछी के दोनो बैलो के नाम थे हीरा और मोती। दोनो पछाई जाति के थे । देखने मे सुन्दर, काम में चौकस, डोल में ऊँचे । बहुत दिनों साथ रहते-रहते दोनो मे भाई चारा हो गया था। दोनो आमने-सामने या आस-पास बैठे हुए एक-दूसरे से मूक-भाषा मे विचार-विनिमय करते थे । एक दूसरे के मन की बात कैसे समन जाता या, हम नहीं कह सकते । अवश्य ही उनमे कोई ऐसी गुप्त शक्ति थी, जिससे जीवों मे श्रेष्ठता का दावा करनेवाला मनुष्य वंचित है। दोनों एक दूसरे को चाटकर और सूंघ- कर अपना प्रेम प्रकट करते, कभी-कभी दोनों सींग भो मिला लिया करते थे। विग्रह के भाव से नहीं, केवल विनोद के भाव से, आत्मीयता के भाव से जैसे दोस्तो मे घनि- ष्टता होते ही चौल-चप्पा होने लगती है। इसके बिना दोस्ती कुछ फुसफुसी, कुछ हलकी-सी रहती है, जिस पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता। जिस वक्त यह दोनों घेल हल या गाड़ी मे जोत दिये जाते और गरदने हिला-हिलाकर चलते, तो हरएक की यही चेसा होती थी कि ज्यादा-से-ज्यादा वोझ मेरे ही गरदन पर रहे। दिन-भर के बाद दोपहर या संध्या को दोनों खुलते, तो एक दूसरे को चाट-चूटकर अपनी थकन मिटा लिया करते। बाद मे खली-भूसा पड़ जाने के बाद दोनो साथ उठते, साथ नाद मे मुंह डालते और साथ ही बैठते थे । एक मुंह हटा लेता, तो दूसरा भी हटा लेता था।

सयोग की बात, झूरी ने एक बार गोई को ससुराल भेज दिया। बैलों को क्या मालूम, वे क्यों भेजे जा रहे हैं । समझे, मालिक ने हमें बेच दिया। अपना यों बेचा जाना उन्हें अच्छा लगा या बुरा, कौन जाने , पर झूरी के साले गया को घर तक गोई ले जाने में दांँतों पसीना आ गया। पीछे से हाँकता तो दोनों दायें-बायें भागते, पग- हिया पकड़कर आगे से खींचता, तो दोनो पोछे की ज़ोर लगाते । मारता तो दोनो सींग नीचे करके हुँकारते । अगर ईश्वर ने उन्हें वाणी दी होतो, तो करी से पूछते --- तुम हम गरीबो को क्यों निकाल रहे हो ? हमने तो तुम्हारी सेवा करने में कोई कसर नहीं उठा रखी । अगर इतनी मेहनत से काम न चलता था तो और काम लेते । हमें तो तुम्हारी चाकरी में मर जाना कबूल था। हमने कभी दाने-चारे की शिकायत नहीं