पृष्ठ:मानसिक शक्ति.djvu/३०

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मानसिक शक्ति।
 


स्थिति में नहीं उन्नति कर सकते। तो फिर किसी भी स्थिति में उन्नति नहीं कर सकते। इस बात को बहुत स्त्री पुरुषों ने अनुभव किया है किन्तु लेखक ने तो कई बार किया है कि सुख और सफलता जिसकी इच्छा थी उसी काम में और उसी क्षेत्र में विद्यमान है जिससे मनुष्य भागना चाहता था। सुख और सफलता हमारे पैरों तले ही दबी थी जिसका हमने ख्याल नहीं किया था। जिस काम के तुम कर रहे हो उसी में अच्छाई, ओर जहां कहीं भी तुम हो वहीं जय लाभ करो सच्चे हृदय के साथ परिश्रम करके काम को अच्छा बनाओ इससे तुमको अवश्य ही सुख और सफलता की प्राप्ति होगी।

जो आत्म-विजय करता है उसके लिए सब चीजें सिर झुकाए खड़ी हैं। उद्योगी मनुष्य को अवसर को कमी नहीं।

 

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