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पृष्ठ:मानसिक शक्ति.djvu/४२

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मानसिक शक्ति।
 


उसी के अनुसार जीवन व्यतीत करो, अपने अभीष्ट को सदैव सामने रक्खो और बड़े भारी धैर्य और सन्तोष के साथ वैसा ही जीवन बनाने के लिए अपने विचारों पर डटे रहो। मैं तुम्हें विश्वास दिलाता हूँ कि तुम एक अच्छे प्रभात के दर्शन करोगे और तुम्हारी अभिलाषा पूरी होगी। केवल अपने को उसके योग्य बनाओ।

जो इच्छा करिहो मन माहीं, राम कृपा कुछ दुर्लभ नाहीं उसके लिए यत्न करो, उस पर विचार करो, उसके लिए तैयार रहो, काम करो, तत्पर रहो और आशा रक्खो और कृतज्ञ बनो। तुम्हारी इच्छा की पूर्ति रास्ते पर है और शीघ्रता के साथ तुम्हारे पास आ रही है जैसी शीघ्रता से तुम्हारा मन उसको ला रहा है उतनी ही जल्दी वह तुम्हारे पास आ जाएगी।

जो कुछ भी तुम चाहते हो, जब तुम प्रार्थना करोगे, विश्वास रक्खो तब वह तुम्हें मिल जाएगा और तुम उसके मालिक बन जाओगे।

जो वरदान तुम्हें पहले से मिले हैं उनके लिए तुम्हे कृतज्ञ होना चाहिए, आत्मा समय से परिमित नहीं है, आत्मा के लिए सब कुछ वर्तमान में है। जो कुछ अब करता है उसका प्रभाव सदैव के लिए है। जितनी अच्छी बातें तुम्हें मिल सकती हैं वे इस समय तुम्हारे हाथ में हैं। जितना दृढ़ तुम्हारा विश्वास इस बात पर होगा कि हमारा वर्तमान भावी का कर्ता है और जितना अपने कार्य में आनन्द मानोगे

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