पृष्ठ:मानसिक शक्ति.djvu/९

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मन का वशीकरण ।
 


कापियों को जाने दो। अब तुम यह बताओ कि किसका लिखना सुन्दर है। लड़की ने जल्दी से जवाब दिया कि मेरे विचार से अमुक लड़की बहुत ही सुंदर लिखती है। यदि मैं उसके समान लिख सकू तो अच्छा हो परन्तु यह असम्भव है क्योंकि मेरे शिक्षक मुझ से कहा करते हैं कि तुम कभी भी सुन्दर नहीं लिख सकती। उसकी सखी ने कहा कि अब तुम अपने शिक्षकों की बात को बिल्कुल छोड़ दो, सब कापियों की सुध विसार दो सब दुःखों को भूल जाओ और अब अपने मन को उस सुन्दर लेख की तरफ़ लगाओ जिसकी कि तुम इतनी प्रशंसा करती हो। उसके अक्षरों को बार बार पढ़ो और प्रत्येक अक्षर के झुकाव पर भली प्रकार विचार करो। देखो उसमें क्या गुण है, अक्षर कैसा सुडौल और सुन्दर है। जब तुम लिखने को अपना कलम उठाओ तो मन में यह विचारो कि यही मेरा आदर्श है, इसी के सदृश मैं लिखना चाहती हूँ। दिन में कई बार उसकी बाबत विचार करो। यह सोचो कि तुम उसके अनुसार लिख रही हो और अब सोचो कि कैसी खुशी तुम्हे होगी जब तुम ऐसा लिख सकोगी।

लड़की ने प्रतिज्ञा की कि मैं अवश्य ही ऐसा करूँगी, क्योंकि यह बात उसके हृदय में बैठ गई थी और उसको उससे अत्यन्त प्रेम हो गया था। गर्मियों की छुट्टी के बाद वह स्कूल आई, उस समय उसका लिखना उसके शिक्षकों से अच्छा था। उस आदर्श ने वास्तव में उसको आदर्श का ही काम किया । यह बारम्बार किसी विषय पर विचारने की शक्ति और एक स्थिर आदर्श के प्रभाव का स्पष्ट उदाहरण है।