पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद १.pdf/२५७

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ब्द म्हए, मैलँदै, रू, स्ल, अमर, मेरळ, करों की कृत, हि-सभा ॐ ॐ प्रथम तथा द्वितीय कहिंक में ब्रा है। इन-

  • कई ग्रंथ संदिग्ध्र ३ हैं । अरॐ ॐ कृक्क छन्त्र अंध -

लहरू श्याः कृत्रहर में जुड़ है। में सक्षम जाति के होला , थर किंतु-धर्म ॐ ॐ सेड सुधाळ इ हैं । इक्छ अझ इं; सत्र झीर पंथ इतना है और के मनुष्य अझ झ झम्कीर- थ: हैं। ईद के काज कीरसिंङ चैत्र अन्नकै ॐ ३ अटक हैं और दुल हा अङ्ग वा ४९४ ॐ ॐ । इन्दॐ ६६ डुङ अइहाले वे कुछ कम देने में अड़े हैं। कुळीरजी या अन्य स्तृय कट्टा-छ; था और इनकी प्रष्टि अत्यंत मैन झी । -कहीं इन अफ में कुछ पल अ ज है उसमें उद्धः की झवा झंझ हुई है। उडाइङ बिंड़- नै दिई माया कुट्टी यं ।।। श्यले शं हैं अपना अन्यों आ कि अटी सों धू वर क्रूर अली मूछि कुछ अवै । चर की कृषि प्रेई व कृके चेई यक छ । ॐ वं शयन की रा हैं । वाह की शयर चे है केंद्र की मबै झुक । भोर हो ३ छक अझिक्दे अन-धरै इन्हें है