पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद १.pdf/३४९

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द् मासिक-कर अछ--दिस चार चरेत है। चिनकाल–१३६३ । नाम–३ } जावस्यसमझ गये । ग्रंथ ( १ ) विमल मंत्रीरास , ( २ } कर संबाद रसा । (११६८) रचनाद्ध ११३८ । नास-{ * } ससुंदर। । में थे—गुख-इलाकर । साझछ १६७२ ।। विवरलाइस जैन कवि की संस्कृत वर क्लद निश्चित हिंदी हैं। नाम---{ १०} अमरदास ! ग्रंथ---भग-बिरुदावली ( प्र० ३० दि०)। चाल -११७७ ।। विक्र--नानक महाराज के शिष्य हैं। कहाँ-कहीं इनका समय १३६ में मिला है। नाम--{ } सिद्धराम । प्रथ-( ३) सान्त्री, १ ३) शब्द, १ ३) बैंस को अँग, १४ } " योग ध्यान अंग, (३) शब्द-बावदी १ तृ० ० वि० ) रचनाकाल----१५८३। । विवरच्छरदास के शिष्य रामरूप के अला ॐ । । नाम-{ धर्मदास अग्ण । अंध-अषकेशरच्छी विकेध।। राम–११८१ है ... ... । चिक्छ ---छ-मंथ}

नाम--- ६१ ) छैम दैदीज्न दलमऊ । राअस्त्र--१३८ ।