पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद १.pdf/३९६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
३६०
मिश्रबंधु-विनोंद

मिश्रबंधु-विनोद बचनाकाल-१६१ । विवरण- साधारण श्रेणी ( खोज १६०१-१६०२) नाम- २००) धीरज नरिंद (इंद्रजीतसिंह) ऑड़छा ! अन्सकोलु–१६३७ ।। इनाकाल---१६११। विरण----राजकुमार इंद्रजीतसिंह ओड़छावाले बड़े गुणग्राही और ' गुणी थे। इन्हीं के दरबार में केशवदास तथा फ्रेवी- राय पातुरी थीं । कविता भी इन्होंने की है । साधारण अंडर की हैं। नाम--- ३०१) पद्मचारिणी बीकानेर । .. . रचनाल-~-१६१५।। विक्र—मबाऊ संदु की पुर्नर । नाग–६ २०२} नज़ों आगराळे ।.. रचनाकाद्ध---१६७ के पूर्व १ . वित्रश--हिंदी में मिलती हुई उर्दू-कविता इस कवि की है। नाम- २०३} अनंतदास ।। अंध--{१} राजदासपरिचय, {२} वामदेव आदि की परची-संग्रह, (३) पोरे ( खोज ११०३) (३६१७ } की इच, १४) । । रैदासजी झी (५० चैः रि०) परी इत्यादि । । । नाम---{ २०४ ) कान्हरदास में ब्रजवासी ! - रचनाल---१६३७ । । इम ३०६ } काशीनाथ । । रचनाअनु–१६६७ । विवरण-साधारण श्रेणी केंज में लिखा है कि ये महाशय .... बलभद्द के पुत्र और शवदास के असीजे थे, एर.