पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/१४४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

शिक्षनभुदेना; । ( १७५० घियर--भुरटीधर वैः साधं यद ध मनाया । नाम--(५१ ३) एरपयन्द साधू । अन्ध--धीपालचन्न । चित्रा-काल-१६४०] नाम-(५१४) हरिचन्द। रचना-काल-:5%e। यव -पन्ना में राजा साल के यहाँ थे। गम--(५३५) कोकरेजार्ज राजपूढानी) जन्म्च न्–१६।। रघन-काल-१७३६ । वियर--अप्रानी धूमधार गुजरात की ३ माड़वाने म्याद्वी ध। नाम--(५१६) शिनगई सुरि साधू। भन्द-भाग्यपंचमी। रचना-काल--३७१। नाम--(५१) धर्ममन्दिर गया । अन्–१) श्योधचिन्तामणि, (२) चापी मुने त्ररित्र । रचना-का--१४१-१७५६ । । थियर जैन कनि । नाम--{५१८) बलबीर वृनोज । झन्ध-(१) पिंगलमान {१७४१), (२) उपमाहँकार नसः किन पर्छन, (३) चिलाउ {१}