पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/१४६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

११४ मिरन्धार । [१० १७५३ रचना-पाल–१७४२।। चित्र--हीन थे । कसली-नरेश के यहाँ थे। नाम-(५३४) गंगाराम । | "प्रन्य-समपि पृष्ठ ३४ । रचना-पाठ-७४। चिमरण-राग रागनियो । राजा मत ह ३ दुषार में थे। नाम-(५३५) नन्दराम । प्रन्प-नन्दराम पच्चीसी। रचना-पाल–१७४। पिचरण–निन्न । माम--(५२६) इन्दजी निपाठी घनपुरा अतरबेद। जन्मकाल-१७१९॥ रचना-काल--१७४२ । पिपरपये पारंगजेब के नाक्र थे। इनकी रचना उत्तम पर पद्माकर के ढग की है। हम इन तैय कवि की ४ में रचनै है। नाम(५२७) जनार्दन। जन्म-का -६७१८ रचना-कोट–१७४५ ।। थियर- साधारण ४ टी । नाम-(५२८) रतनजी भट्स तैलंग मादाए नरयर। अन्य (१) रतनसागर, (२) सामुद्रिक, (३) मस्ते ।