पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/१९०

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मिश्रन्धविनोद। [सं० १७१३ इस समय के अन्य कवि गए। नाम-(५५८) कुन्दन धुंदेडपी । अन्य-नायिकाभेद । कविता-ल--१२। चियर--साधारण खी। नाम-(५५६) लालसिंई घसी, पन्ना। मन्थ–दफ़रनामा । चिंता-कार--१७१२! पिपर-साधारण थे। जमा बर्च परह के फ़ायदे का वन किया है। इनके १८५२ १० में होने का सन्देह है। नाम-(३६०) मैौपाद्ध रतनपुर बिलासपुर। अन्ध-(१)ो सुदामाशनक; (२) रामप्रताप, (३) कविता-बाल-१७५३ के पूर्व ।। नवमाशा ! विदर-साधारण अंगी । नाम-(५६१) केशवराज वुदेलसंड़ी। अन्य जैमुनी की कथा भावा ।। कविता काल-५३। विवरण-साधारण ४ मि । महाराज साल के द्वार में थे! नाम-५६२) फरम। कविता झाल–१५४६ पूर्व । वियरय-इनका नाम मुड़न वचि ने लिया है।