पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/१९३

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विम वैपकाल] पूर्वांत प्रकर। ६।। नाम--(५७७) नायक। कचिंतकाल-१७५४ के पूर्व । विवरण–निम्न श्रेणी के हैं। इनको नाम राम जी ने सुनचरित्र में निम्न । नाम-(५७८) नार। कचितकाल-६७५४ के पूर्व ! पिचर इनका नाम सुन कवि ने लिखा है। नाम–१५७६) नित्यानन्द । कबिताकोछ-१७४के पूर्वं । विचर]---सुनानचरित्र में सूदन ने इसका नाम लिया है। नाम-(५८०) परम शुरू। पत्रिताका–१७५४ के पूर्वे । यिधरण–निका नाम दन ने लिम्मा है। प्राम-(५८१) पनि । कचिताका–१७०४ के पूर्व । विवरणा—सुन फरि नै इनका नाम क्लिग्न हैं। ना—(५८२) यसः । । कविता-काल-७५४ के पूर्व ।। चम्पा सुइन कवि है इनका नाम लिया है ।