पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/१९७

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आदिम देहाल ] पूजेत प्रकरण। ६५ ने ध–(१) याभूपण, (२) यशरूप*। कविताफाळ-१७५ विवरण-थे झन्थ ने अपने भाई मैराम के साथ मनाये हैं। नाम-(६०५) प्रदास प्राचीन } कविताकाल-१५३५५५ । विवरगा साधारण ४ गों। इनके न्द हज़ार में हैं। नाम-१६ ११) रत्नसागर । अन्ध- रघका ] फवक्ताकाळ—१९५५ माम–१६ ०३) लालचिद्दारी। जन्कार--१७३० । कविताकाळ-१५५) नाम-१६ ०३) जैसिंह सवाई महाराजा अमेर। अन्य जैसि बपद्म । फर्चितकाल--६ से १८०० तक। यण– महाराज ग्रामे ६ राजा घड़े विद्वान और कवि है।विवे। के आश्रयदाता हुए हैं। नाम-(६५४) दिग्गज अन्य-भारयिम् ।। कवियोल-१७५६ 1 विवरण-दीवनि पृसिह के यद थे।