पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/१९८

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मित्रबन्धुदिनैद । नाम-(६०५) भगवानदास। अन्य मामृत । अन्मल-६७२५ ! कचिनाशाल-३७५६ । नाम-(६ ० ६) गोपाळ । अन्य-(१) मादयरित्र, (२) भुपचरित्र, (३) राजा मारधवरिष। कविताकाल-१६५३। विवरण-दरदास के सम्मदाय में दें। नाम-१६ २७) धनराम वाण चरा । ग्रन्थ- छीराचट्ठी । कविताकाल--१५७। बिवरा—पना पतसिह के यर थे। नाम–१६ ०८) जीवनमशागे। अन्य-एचदहाई। कचित्राकाल --१७०५७ ! विधर–शिनाथ के शिष्य । छीन । नाम-१६ ०६) जैदेघ कपिलायासी । कताका--१६५६ । । वैव-चे नुदेष मित्र के शिष्य धे भैइ फाजिल अली के यहाँ । थे। साधारण ।