पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/२५२

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पूर्वालंकृत प्रलय।

१ नार्म-(६७५) गैरपति । झन्ध–विज्ञानविलास । कविता-काल-१७६। विवरण–चैदान्त अन्य। नाम--(६७६) जगन्नाथ प्राचीन । ग्रन्थ-मैहमदज फी फा। कचिन्ना काल—१६।। वैवरण साधारण श्रेणी । नाम-(६७७) कृपाराम इन वा जेपूर वाले। न्य-समषवेध। करिताकाछ--{5 । विवरण-ये महाशय जयसिंह को यह ज्योतिपो थे । अन्य मी इनका ज्योतैप का हे। माम–(६७८) जयकृष्ण भवानीदास के पुत्र । अन्ध–१) छन्दसार पिंगल, (२) तामरूप पिंगल (१९७७), (३) जयप्ड फ़त पविता (१८९७), (४) शिवमादाम्य भाग (१८२५]. (५) Brai भापाथै (१८५७} (६) रूपदीप पिंपल । फर्थिता-कार--१७७७ से १८२५ तफ । विस–साधारण्य थे यौ। 'बाम१६७६. मेाङ्ग मिस प्राचीन ।