पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/३३९

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१७५३ मिथवन्ध्रविाद । [ सः १५ चिना-काल-१९७। विमरय-हुलकार भट्ट के यहां थे। नाम-( ६ ३) सुकाळ प्रीयि पहुँ, मेदाचर! अन्य--वैद्यकसार। रखना-काल-१६९७। विवरण-जुगुलकिशोरतया मरेशकेय रहै। साधारण शें। नाम-७६१) सत जीव । वन-काल-–१६९७। नाम-१७६५) गोविन्द ! अन्य-कभर । रचना-ल-१७४! विघ –साधारण नै । नाम-२७ ६६) ने व्यास । प्रन्थ--धनुपविद्या! बचनाकाल–७६८। विसरम-आज्ञा दुर्जनस६ जागीरदार बंधारा के यो । नाम--(७६७) शिषनाथ पन्ना दलसह। प्रन्थ- रञ्जन । चिनकाल–१७,८। विवरण–साधारण । छत्रसामञ्ज महाराजा जगतराज़ के यही में।