पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/३४४

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इम्सकाल ] वालंकृत प्रकरण । १३ प्रन्थ कुटपद् ।। रचनाफा–८०० ॐ गभग । विवर–साधारण में । माम–१७६१) लालमुकुन्द वनारसी । अन्य-लालमुकुन्दविलास ! न्मकलि–१७६३ । रचनाकाळ- १८००। विवरण–साधारण थे । नाम-(७६२) लाल गिरिधर जी । प्रन्थस्फुट गई। रचनाकान–१८८० के लगभग । नान-(७६ ३) साधु पृथ्वीराज । चिनकाल–१८०० । माम (७६१) सावंतसिंह। रचनाकाल–१८ss | नाम-(७६५) सैयक हालचन्द । रचनाफाल–१८se | नाम-(७६.६) सैकमेमचंद। रचनकिलि--१८६० ।। नाम-१७६०) खेयक शिपचंद। चनकाल–१८०० |