पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/३४७

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मधुरिने । | [ सं० १६०३ नाम-(८१०) दिमावदार गाई पाँदा । अन्य- ट ।। रचनापाट–१८०३ में १८०७ तुझ । विवरण में ध यहादुर र पघि ६, साद हुए हैं। इन नाम पर दिमादुर पिराप यि पाश्र ने पनाई। नाम-८११) याचन गपचासी । अन्य-सद्भनविदास। रचनाका-१८१४।। विंचर कैंपर फ्लैपिं गा वाले के पद थे। नाम--(८१३) धवसिंह न्याया जिला रायपरली । अन्ध-मळम भापी ।। जन्मकाल-१७६० रघनकाल–१८०५। विवर--नग्न थे । नाम-८१ ३) मधुनाथ । जन्मकाल-१७८० । रनमाल-१८०५ । नाम(८१३) सरदारविद् । गन्य- सुतिरंग। रचनाकाछ–१८५)