पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/३४९

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६६४ अधयःyपिनाः प्रथ-शामित्र । रचनाका--१८०८।। पिंपर--- अर्ज अफर पी * पहु! ६ । नाम--(८३२) नेतसिंह। प्रन्थ—सारंगधर संहिता । मैनाकाल-१८०८। विमर—पिता का नाम नाथन की भाट था। नाम-१८३३) घसता रार (इयतॆस) (यपतसिंह महाराज जोधपुर } { प्रध-फुकर भजन । रचनाकोट–८०८। विचरण अदमशा बादशाह के कृपापात्र धै। नाम--(८३४) बदन (यदा ) गिरवां वहसील। अन्य-सदीपक । रचनाकाल--१८०८।। विवर—पृबीसिंह गढ़ाकोटा के यहाँ थे। तीष पाँच की भें। नाम-(८३५) लालजी कायस्थ कथिलर मुफ्फरनगर। ग्रन्थ--भउर्चश (भकम्पल) रएनकाळ---१८०¢। • नाम-६३६) सोमनाथ सा राई । अन्य-साधबनीद माटक। रघनाकार्ड-१८१