पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/३५०

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। प्स-काल] उत्तराखंझा मरण । ५६५ विवरण—चर बहादुरसिंह के यहाँ । नाम-(८३) शिवदास जपूर ] अन्ध–(१) शिव चौपाई, (२) ले केकि इस जगत, (३) अलंकार शृगार (दोहा )। रचनावारू–१८५७ के पूर्व । वियर–साधारण थे । नाम-(८३६) सनेहीपम । ग्रन्थ–रसमंजरी। रचनाकाल-१८० के पूर्व । नाम–१८३६.) सुमेरसिंह् साह्यादे । रचनाकाल—१८१० के पूर्वं । चिंबर-एक सुमेरसिंह साऊदे पटना के थे, जो अपना नाम सुमिरेसद्दरी राते थे और यत् संयत् १८४० तक चर्त भान थे। मैं शायद कोई दुसरे हो । नाम-(८४०) सुज । रचनाका–१८१० के पूर्व । भाम–१८४१) मनैन । प्रथ–रासाद् पस्तूर ! जन्मकालः–१५ । ! रचनाकाल-१८१८ ।। विवरण–क्ष थे ।