पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/३५३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

७६६ मिश्रवन्धुदि। [सं० 151 जन्माल–१३८ । देवनापा–१८१०। नाम-(८५२) मष्टि दान ! जन्मकाळ-१७८० ! रचनाबाछ--१८१०।। नाम-१८५३) दर कवि। अन्य-(१) चमत्वाचांद्रका, (३) फदिग्नियाभरा, (३) अमर- काय झापा । रचनाशील--१८२० । विपरपसाधारण थे । नाम--(८५४) ईम पाल । जन्मकाल-६७८० | रचनाकाल-१८१०] विपरश--साधारण थे । सत्ताईसवाँ अध्याय । सुदन कार ( १८११ से १८३८ इक } (८५५) सूदन। ये महाशय माथुर प्राझण, महाराज वसन्त पुत्र मधुरक्षिा में निवासी थे । भरतपुर के महाराजा धनसिद्द के पुत्र सुनील