पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/४२९

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६५२ मि९ि२६ ।। [सं० १८३० नाम--(६६ ३) शियग्मद फायय दतिया। प्रध-(१) रमभृग्रगा (१८६१), (२) ९ मायर (१८३०) । चितापा-१८३० से १८६५ वषः । यियणन्नील राजा परीट्रिात । नाम-(६६ १) समतादत्त । जन्मका–८०३।। फांदतावाल–१८३६ । पवरण-साधार] । नाम-(६६५) सीतारन वेदय धीरपूर वाराषफी। झवनाफाल—२८३ | बिवरप-दीन थे । नाम-(६ ६ ६) मुपानन्द बाबरी जादै । अन्नकाल–१८७३। फपताकाए-८३० 1 अट्ठाईसवाँ अध्याय । रामचन्द्-कन्न । (६.६६) रामचन्द्र। दस अफदि की रचना पनगाउ है, परन्तु यह ऐसा कुछ