पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/४७५

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मिध्वन्धुदिनाए। {१० १८४२ माम–११०५१) कालिदास । ग्रन्थ-धर्माधिनी ।। कवितर-काल-१८४२ । नाम-(१०५२) धाराये । प्रय–श्रीमद्भागवत दशमस्कन्ध संक्षेप कथा । कविता फल–१८४३ के पूर्व । नाम–११०५३) अनारायण । अन्ध-भक्तिरसपैधिनी टीका (भकमाल की)। पवित्राल–१८४४ । नाम-(१०५४) गिरधर भाट, दैलपुर ! प्रन्थ समसाट । कवितकाले–१८४४ । विपरी--महाराजा टिकेवराय दान लखनऊ के यही थे। साधारण श्रेणी । नाम--(१०५५) गगापति । कार्यश-काल--१८४४ । विवरण--निम्न अँगी । नाम (१५५६) छत्रसाल मिश, चन्देरी। प्रन्थ-(१) पयसार (१८४४), (२) शकुनपरांझा, (३) अन्न प । कविताकाल-१८४४।