पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/५१

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सेनापति-कावा ] झालंकृत अन्य। नाम-(३०५) जगदं वृन्दावनधासी। कॅन्मन्सव–१६५८) रचना-काक-१५ विवरण-इनके कवित्त इशारा में हैं । नित्र धंगा। अन्य-वृन्दावनस्तब। रचना-काल-१६८६ । विचरण–यद्द अन्य १११ देहाने का है। इसे हमने छत्रपूर में देखा है, पर इसके रचयिता का नाम नहीं मिला। नाम--(३० ६}जनमुकुन्द ।। झन्ध-३ भौगीत, ध्रुवता । रचना-काल-१६८७।। विरा -साधारण ४ : १ मान--(३०) मुजुटदास ।। ग्रन्थ---भगतघिरदाबली । म-(३०८) मोहनदास कायस्ध कुरसट इराई। ग्रन्। स्नेहला, २ स्यादप-पपनविवार, ३ पवन- विद्य- बराल । रचनाफाळ-१६८। नम-३१) सिराम। न्य-मददीपिका । बना कोक-१८७ |