पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/५२

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fkuन्द । म -(३१०) विदा ।। अदा -१६० । भाग-१६| विषरत-(r ६६ । मार्ग--(३१)पग्राम प्रज्ञा । अन्–म्पनरंथ । जन्म संवत्-१६६०। रमा गर-६६०। थियर-साधाग्छ नै । माम-(३१३) दरिमाय मापात्र । अन्य-शुट एन्द ! रचनाकाट-३६९०। निपा-याहू व माजी पदाद मा पृपापात्र था । ये न परि ६ पुग्न थे। इनके पिपय यद हैद्दा प्रसिद्ध है। परन पाय देई घड़े की दुरि व रिनाथ। उन यदि नीचे पर किया इन चदि ऊँचे हुय में इसी ६९ पर प्रसन्न ऐर इन्दने पत्र राप से अफ की समत्ति दोहा धनानैवाले फी देदी थी। | नीम--(३१३)पुनथिय । रचना-पाल-१६९२१ ।। वियर-अज्ञा अमर्पसद जोधपुर पाले में यह थे। वचि चे ! धारण