पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/५२७

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६ frrafबाद । माम १४ } पहुना उप (वभाग)। । प्रध-(१) १५!गदर्शन (१८), (२) पृज्ञान तथा प्रश्न, (६) नामुष । विनापा-१८५७ ।। पिपर-पिता का नाम मगुरानाप शु; । । नाम-११ ४ १) प्रेमदास अप्रपाल, अगद! अन्य-{१} गंदी, २) पंचाग्दी (४) मसागर, (५) नातिरेत की कथा, (६) विसाति , (३) धीएलीट ला, (७) भगवविहार इयता -१८५७ ) ! विवर--साधारण ४ शी। नाम-(११ १२) भजन । अन्ध-{१} रसिकपिएस, (२) उपवननाद (१८८४), (३) भोज़ भूपये ।। कविताकोट-१८५७ । बिबरण-महाराजा यिप्रमाजीत वंदेलद्ध के शहाँ थे। चरा- | नरेश विज्ञथिइन्द्र पन रसतद् के यह भी नये । नाम-(३१३३} रामशरण, दमीर-हटाया। कविताफाल--१८५७ । विवरया--दिम्मतबहादुर के मुसाव । नाम-(११४६) रामसिंह मुंदेलखंडी!