पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/५३

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१७१ | सैरपति-काल ] पूलंकृत प्रकरण । नाम-१३ १४) चतुरदास। प्रथ–१ एकादशस्कंध भाषा, ३ श्रीति के मंगरू । रचना-पा–१६२। विचरण--ये सैमसंतदसि के चेलें हैं। नाम-(३१५)मानसिंह। ग्रन्थ-अश्वमेधप । रचना-वा--१६९२ । विवरण-बट्टान ठाकुर समिव (खा) । माग-१३१६) विविक्रमसेन राजा। प्रन्ध-(१) शालिन पृ० ८२ पद्य । रचनाकाळ-१६ ।। नाम-(३१५) विद्रास जास। अन्ध-(१) संगधिपंचांशिका, (६) पादेव की साविक ज्ञल्म-संपत्–१६० ।। चिना-काळ-१६१५॥ नाम-३१८) अमद । गन्धस्ट साच्य। जन्म-रवन्–१६६०। एनना-याः-१९९६। विवरण- साधारप झै गण । नाम (३१६ औपनाथ। भन्म-तैयत्१६० ।