पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/५३०

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बनवग्या-काज बचकेत प्रश्रय ।। 'नाम--(११५५) नित्यानन्द । | प्र —(९) भ्रमनियार, (३) भजन । कविताका–१८६० के क़रीब । विवरण—चरणदास इनके दादास थे । साधारण यो । नाम-(११५६) दस्तार, हाथरस, जिल्ला अलीगढ़ । ग्रन्थ- सुन्नीसार। कवित्वाफाल–१८६० । भाम–(११५७} पेनीवाल । अन्य खुचवि। कवितावाल-१८६० ।। नाम (११५८) मिज़ भवनायक घिल्लभाम् । अन्य--फुट । कयिताकाल--१८६० । विचरम–अच्छे गयैया भै कवि थे! नाम-(३१५६) रघुराय। जन्मकाल-३७ ।। कविताकाळ१८६०।। विष—साधारण फर्नि। माम११ १६ २) रामदास । प्र—(१) ले काग्र पो का १८६), () दिलीला ! भन्मका-३५ 1