पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/५३८

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देनीप्रतीश-काल ] उत्तरालंकृत प्रकरण । विवरण-चरखारीनरेश जुमानसिंह के यहाँ थे । नाम (११६७) चिद लाड ! अन्ध-कृष्टविनेद। अयिताका–१८६६। विवरण---ये राजा त्रिजीलाल उदयपुरधामी के पुत्र हैं। नाम-(११६८) मारडे निश्च । भन्य-चोचन । कविताकाल—१८६९, के पूर्व । भाभ-(११६९) रूपानसेन । मुन्थ–महाभारत का हिंदी अनुवाद । कविताकाल–१८३ के पूर्व । विवरण–पदा मन्थ । नाम-१२००) फलैस । कवितकाल-१८Sb । बिवरण-चंद्रशेयर मंच के गुरु थें। नाम-(१३० १) चिरंजीव रागी, बैसवारा गैसई खेरा। प्रम्य–महाभारत भापा। कविताफाल–१०। विवरण साधारण । नाम--(१२० ३) इमदास ।