पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/५४

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५५३ मधएन्धविना। [ मै० १६१५ पना- --१६९,1 विपरग्य-निग्न थे ! नाम--(३२) सद्गल पच्छ । अन्य-सादेयदि सादग्पा वा दूदा! रचना-पा--१६९७। नाम-(३२१)शिराम मिन्न (पुरिया प्राम)। मुन्—इईई । रचना-का-१६९७।। थियर--सामग्र माथुर थे । सन्नाट इज के समय में हुये ।। नाम-{३३३) निधान। चिना-बाल-–१६९८।। नाम-(३३३) अ दृष्य ति । ग्रन्थ- स्फुट पद्द। चना पाल–७es के गभग । नाम--(३२१) ए गिरिधर जी । अन्य पद। रचना कील-१७n के समभग ! नाम-३३५) जगन्नाथदास । रचना-का-६७es के क़रीर । बिचरइनके पद मिसगिरीभव में है 1 निम्न धंधी । नाम--(३२६) रायन्नन्द मागर । अन्ध-(१) मरतबिन्दा, (३) लीलावती ।