पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/५४५

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मिध्यधुदिन्यः । [सं०1८३५ फपित्ताकाले–१८ विघ–साघारग्छ । नाम-(२२३) जीयनसँई नलवंशी घरय, असली । कवितावल–१८५ के दममा । विपरगा–पथली दरार में कवि थे। साधारण अंगी । नाम-१२३४) दरियावासंद (शाम) कायस्थ, पन्ना। ग्रन्थ-धनुषपचासी। जन्मकाल-१८५७ । कविताकाद्ध-पानी हरवंशराय के समय में थे। नाम--(१२२५) दीनदरवेश मुसल्मान्, धुदैन्न । ग्रन्थ-फुट कुयायायें । कविताकाल-१८७५॥ पिचर-महाराजा मानसिंह मारवाड़नरेश के यहाँ थे। नाम-(१२२६) फ़नइराग चीचे, बूंदी। कृथिवाशाल-१८५ विवरगा--राय राज्ञा उमेदसि वृंदा महाराज के प्राधित थे काव्य साधारण थेप्पी फा हैं। । नाम--(१२२७) बहादुरसिंह कायस्थ, चरखारी ।