पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/५८

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५७६ गिन्नशधुयिने । [५० १०० विपर-इनकी रचना हज़ारी में है। साधारण शेगी । भाभ–३ ४ ३) दीदार फायण भजमन थाले । अन्य-निमंगळ । रचना-काल-१७०४ ।। पिंपरी-मधुसूदनदास श्रेयः । अन्य देणे । नाम-(३४४) अभिमन्यु । जन्म-संवत्-१६७१ । रचना-काल-१७०५५। चियर—साधारण ४ थी । नाम--(३४५) गिरिधारी। अन्य–त्तिमाय 1 पृ० ११४ पद्य । रचनाकाल–१७०५ | नाम (३४६) जगजीवन । रघना कोह-६७०५।। नियर-इनकी रचना इजारा में हैं। साधर थे । नाम-३४७) सकशिरोमणि । घनकाल–१७३५।। पिपरा--साधारण श्री 1 नरम (३४८) हीरामणि 1 जन्मसत्-१६८ | रचमान्चल ७५ विवरण-निरे छंद इनारा में हैं ! सापार उतरे ।