पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/५९३

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१५६५ मिथुपिनेदि। [ सं १८३ अन्य (१) गुवा निधि-सार, (२) दफ़रनाम। कविता-काल-१८८२| वियर-दतियानरेश पनि के यहाँ रहे थे। न–११३८३) गाहूराम । अन्य--(१) यशभूप, (२) यशरूपक: कधिना-काल-१८८२ । नाम(१२८४) पहार सैयद ।। प्रन्य-(१) वैद्यमाद्दर, (२) रसरया, (३) रससार-अन्य। फविताकाल-१८८२ के पूर्व । नाम (१२८५) खदन घाए ! ग्रन्धरसगुलज़टि। कविताकात–१८८२। विघर--साधारण में । नाम (१२८६) शिवनाथ शुङ, मकानगर, फवाद । ग्रन्थ-संशाचर्की रीय। कचिनापा-१८८२। चिंबर!--साधारया ने दी । ये महादाय देवकीनन्दन के भाई हैं। नाम-(१२८७) लक्ष्मीनाथ । पा—(१) राजविलास, (३) भजनपिंलास। कविताफाल–१८८३।