पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/५९४

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पद्माकर काज़ ] इत्तलंकृत प्रकरण। 15 १६ नाम–११३८८) अपरामदास । अन्य-ज्वरविनाशन । कबिताकोल–१८८४ के पूर्ष । नाम--(१३८) अयसनाथ जी। प्रन्थ--सिद्धांतसार शतक टीका सुदिव । कविताकाल-१८४। नम-(१२६०) लाढूनाथ जे, जेधपुर। ग्रन्थ-सिद्भातसार फी ठीका। कविताकलि-१८८४) पिचरग-दाचन । नाम-(१२६.१) गंगादीन, पिता परमनुश्व फायप, डौंजियाखेरी। ग्रन्थ-शिवपुराण मावानुवाद। जन्मशाल-१८० | वदितीकाल-१८८५ | मृायुसः १९३० } चिचर राय विशथए जागीदार 9 के निरीक्षक थे। नाम (६३६ २) चैनराम । ग्रन्थ-भारतसार भाषण। कविताका१८९०। विवरण–देउन जैपुर वाले चंदसिंह की इच्छानुसार घना । नाम-(१२६३) दुर्गा । इन्मकाल-१८६०।