पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/६१६

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नियुकिंगा। { नाम-११ ४ ३१) पनि ।

  • {१३' :१) घाटदान चारण ।

-दिबरग–इनका नाम डा। नाम-(१४३छपा है। र इतिहास पावन । अन्शु-घू टाढार का यश। वर्षनैदास काय पिचरण– राठौर जी का यश ६ नाम-११६३३) चिंतामपि । यस्य, सिर्फ अन्ध-नसा ।। के साए शनाया ।। १६३४) चेतनदास स्वामी।। नाम-१४३५) घाग्ने । अन्ध-नग्न । नम-(११३६) चद। "ग्रन्य-पिमल। विवर--साधारय थे। नाम--(११३७), चंदन । अन्य-रामायण मापा (पृ ५० गय) । --{१४३८ ट ।