पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/६१८

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भिधमधुविनेगर । 1 स अ ..।। नाम-(१४ ४७) जगनेर । नाम-(१६४८) जगन्नाथ । अन्य चारी बाल ! नाम--(१४ BE) जगन्नाथ मिश्र,जानपुर । अन्य राजा हरिचंद की कथा (१० ३६ पप) । नाम (११५९) जगन्नाथप्रसाद काय, कुत्ती ज्ञe मधुरा । ग्रन्थ-३० घर्ष की फलति । नाम---(१४५१) जगन्नाथप्रसाद कायस्थ, समथर (खु. १०) । प्राप्य-मजदुरशाला ।। विबरप-इस ईध में समथरन की सज़यात्रा की इन है। नाम {१४५२) जगजर । प्यावी ! नाम-(१४५३) जनहीतम। वियर कॉर्च ये मनः धे। नाम--(१४५६) जनशगदैव । अन्य-ध्रुवचरित्र। नाम(१४५५) अननुलसी । वियर–भक्त ३ फयि धे। नाम-(१४५६) –म्भीर। मन्यामरस्य ।