पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/६२५

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६१३१ ईब] अज्ञात-कालिक झरए । नमि–११५०८) द्विजनद। विवरण-निम्न में थी। नाम-१५५६) द्विजराम् । विवर–नेन थे । नाम-(१५१९) धरोधर । प्रन्धसभामाया (पृ० २७०)। | निबरसा–ज्ञान भक्ति। नाम-(१५१ १) धरमपाल। अन्य-छछू धरि रायसे! नम-(१५१३) आंधी । ग्रन्थ-फुटकर कविता । नाम–११५ १३) घ्या नादास साधु । अन्ध–(१) रेचदशत, ३) दानलीला, (३) माना । नाम-( ५११) नकुल। ग्रन्थ-सालिनि ।। विपर–१८ घाँ शताब्दी के शाल ईते हैं। शम (१५१५) नञ्चमी । नाग--(१५१६) नरपाल । अन्य--समन्धुि ।