पृष्ठ:मिश्रबंधु-विनोद २.pdf/६२६

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१२८ मिषन्धविनाद्। [सं० अशात । नाम (१५००) वैयदत्त । अन्य-नररिचम्पू । नाम (१५० १) पोदराय अन्थ–महामाप्त भरप।। नाम-१५०३) देवीदास ग्राघ–(१) भाप भागवत द्वादश स्कंध, (२) दामादरलीला (पृ० ६६ पद्य) । चियर–प्या विम्यक। नाम–११५ ०३) ३र्यप्रसाद मुज़फ़्फ़रपूर । भन्थ--मची पथिक । विंचर-घलेक थे। । नाम-(३५०४) द्वारिकादास साधु । अन्ध-फुटकर भजन । नाम-(१५६५) हरिकेश ( मज)। झ---Zारिश की भामना ! नाम--(१५०६) हिज्रकार। अन्ध--तैरहमासी ।। नाम-(३५०७) द्विजनदास । प्रन्पगिमाला।